1.तेरे प्यार से ज़िंदगी यूं ही चलती रहे
तुझसे होकर मेरी निगाहे हर वक्त फिसलती
चाहतों का सिलसिला कभी रुकने न देना
मुस्कुराते हुए जैसे गुज़र रही है ज़िंदगी
बस यूं ही गुज़रती रहे
2. वह हिसाब लेती है मैं कितना कमाता हूं उसको कितना देता हूं और खुद पर कितना उड़ाता हूं झाड़ लेती है एक-एक पैसे को पूछो मत यारों उसके डर से अलग कितना छुपाता हूं
तुझसे होकर मेरी निगाहे हर वक्त फिसलती
चाहतों का सिलसिला कभी रुकने न देना
मुस्कुराते हुए जैसे गुज़र रही है ज़िंदगी
बस यूं ही गुज़रती रहे
2. वह हिसाब लेती है मैं कितना कमाता हूं उसको कितना देता हूं और खुद पर कितना उड़ाता हूं झाड़ लेती है एक-एक पैसे को पूछो मत यारों उसके डर से अलग कितना छुपाता हूं