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दूरियों से घबराकर जो ठहर गया होता

दूरियों से घबराकर जो ठहर गया होता शायद आज मंजिल उतनी ही दूर होती धीरे-धीरे सही लगातार चलने से आज कामयाब इंसान हूं


कभी-कभी जिंदगी रुख ऐसे मोड़ लेती है यकीन नहीं होता हम क्या से क्या हो गए वक्त रहते संभलकर चला होता खराब रास्तों से गुजरना नहीं पड़ता

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सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ना आसान नहीं होता

सफलता की सीढ़ियों को चढ़ना आसान नहीं होता जो मुश्किल भरी राहों से गुजर जाने का विश्वास रखते हैं सिर्फ वही मंजिल तक पहुंच पाते हैं कुछ वक्त और ठहर जाते हैं हो सकता था दिल की बात हो जाती दोनों के चाहतों का खुलासा हो जाता मन की कुछ बातों का इजहार करना है मेरे दिल में ना कोई प्यास रह जाती वह इशारों को मेरे समझते हैं फिर भी उनकी अनजान बनने की आदत है मुझको ऐसी लत लग गई है उनकी इबादत करने को मेरी आदत है इश्क में किसी को ज्यादा सताना अच्छा नहीं होता इतना तकलीफ ना दो कोई दूर हो जाए और तुम से नफरत करने लगे

मुझको हर खुशी देने का वादा किया

मुझको हर खुशी देने का वादा किया जेब खाली होते ही लापता हो गई कुछ प्रश्न का उत्तर लेने को ढूंढता हूं इधर उधर मोहब्बत में जिसे सब कुछ दे दिया फिर क्यों मुझसे बेवफा हो गई उसकी रफ्तार इतनी ज्यादा रही आगे निकलने को मैं सोचता रहा पीछे छूट जाने में क्या कमी रह गई इसका अंदाजा मुझको अब हो गया है

कब तक दूर भागते रहोगे हकीकत से

कब तक दूर भागते रहोगे हकीकत से ध्यान रखना भ्रष्टाचार से कमाया हुआ धन ज्यादा देर तक टिकता नहीं है पर्दे के पीछे की सच्चाई देखकर हैरान रह जाओगे थोड़ा और इंतजार करो धीरे धीरे हर राज खुल जाएगा  दीवारों के बीच में झरोखा शायद इसलिए रखते हैं कि बाहर के नजारों का दीदार होता रहे ना जाने क्यों इतनी मोहब्बत मेरे दिल में आज भी है उस बेवफा के लिए जो जरा सी रहम दिखाई नहीं मैं तरसता रहा वफा के लिए